हर हवाई जहाज टेक ऑफ से लेकर लैंडिंग के दौरान कम से कम 09 तरह की अलग लाइट्स का इस्तेमाल करता है. इनसे अलग तरह के संकेत देता है. आखिर इतनी अलग तरह की लाइट्स की जरूरत क्यों होती है और उससे क्या संकेत दिए जाते हैं.
अक्सर लोगों के मन में सवाल आता है कि हवाई जहाज में इतनी तरह की लाइट्स क्यों लगी होती हैं. हवाई जहाज को तो सारे सिग्नल कंट्रोल रूम से मिलते रहते हैं. फिर भी अलग-अलग कामों के संकेत के लिए अलग लाइट्स की जरूरत होती है. इनमें कुछ लाइट्स हवाई-जहाज के उड़ान भरते समय जरूरी होती हैं तो कुछ लाइट्स उसकी लैंडिंग के दौरान.
हवाई जहाज का बहुत संवेदनशील हिस्सा उसके पंख होते हैं. चूंकि ये मुख्य बॉडी से अलग होते हैं, इनकी हिफाजत बहुत जरूरी है. इसी उद्देश्य से विंग लाइट्स लगाई जाती हैं,
जानते हैं कि हवाई-जहाज में मौजूद तरह तरह की लाइट्स का क्या मतलब है और ये कैसे काम करती हैं.
2. टेक ऑफ लाइट: टैक्सी लाइट के साथ ही टेक ऑफ लाइट लगी होती हैं. यह टैक्सी लाइट से अधिक चमकीली होती हैं और हवाई जहाज के टेक ऑफ के समय ही जलाई जाती है. ये लाइट टैक्सी लाइट से अधिक दूर तक रोशनी फेंकती हैं. ये लाइट्स तभी जलती हैं जब हवाई जहाज टेक ऑफ के लिए बिलकुल तैयार होता है.
3. रनवे टर्न ऑफ लाइट: टेक ऑफ और टैक्सी लाइट्स के अलावा भी एक किस्म की लाइट होती हैं जिनका एंगल और भी चौड़ा होता है. यह लाइट्स पायलट रनवे पर हवाई जहाज चला रहे पायलट को पूरा रास्ता सही तरह से देखने में मदद करती हैं.
4. विंग स्कैन लाइट: हवाई जहाज का बहुत संवेदनशील हिस्सा उसके पंख होते हैं. चूंकि ये मुख्य बॉडी से अलग होते हैं, इनकी हिफाजत बहुत जरूरी है. इसी उद्देश्य से विंग लाइट्स लगाई जाती हैं, ताकि टेक ऑफ के समय पर अँधेरे में भी हवाई जहाज की पूरी आकृति स्पष्ट समझ में आ सके. साथ ही ये लाइट्स पायलट की भी बहुत मदद करती हैं. बादलों के बीच से उड़ते हुए पायलट इन्हीं लाइट्स की मदद से यह देख पाते हैं कि कहीं पंखों पर बर्फ तो नहीं जमी है.
5. एंटी कोलिजन बीकन: यह लाइट्स हवाई जहाज की जमीन पर साफ़-सफाई या देख-रेख करने वाले क्रू के लिए मदगार होती हैं. यह चमकीले नारंगी रंग की लाइट्स होती हैं जो हवाई जहाज के पहले इंजन के शुरू होने के साथ जलाई जाती हैं और आख़िरी इंजन के बंद होने के साथ ही बंद होती हैं. वजह यह है कि ग्राउंड क्रू को पता चल सके की अब हवाई जहाज पूरी तरह से बंद हो गया है.
6. लैंडिंग लाइट: ये सफ़ेद रंग की चमकीली लाइट्स होती हैं जो हवाई जहाज में लैंडिंग के समय आसमान और रनवे को सफाई से देखने में मदद करती हैं. इन लाइट्स का प्रयोग ऐसे रनवे पर रोशनी देना भी होता है जहां लाइटिंग कम होती है. ये लाइट्स कभी पंखों के नीचे, कभी पंख की बाहरी सतह पर तो कभी कहीं और लगी होती हैं. बहुत से हवाई जहाजों में एक से ज्यादा जगहों पर लैंडिंग लाइट्स लगी होती हैं.
7. नेविगेशन लाइट (3): यह लाइट्स उड़ते हुए हवाई जहाज की दिशा निर्धारित करने के लिए मौजूद होती हैं. नेविगेशन के लिए 3 लाइट्स लगी होती हैं. पायलट की तरफ लगी लाइट हरी रोशनी में चमकती है, दूसरी तरफ लगी लाल रंग की और हवाई जहाज की पूंछ में लगी लाइट सफेद रोशनी देती है. लाइट की पोजीशन के आधार पर दूसरे हवाई जहाज के पायलट के लिए यह समझना आसान हो जाता है कि सामने नजर आ रहा हवाई जहाज कौन सी दिशा में उड़ रहा है.
8. हाई इंटेंसिटी स्ट्रोब लाइट: यह चमकीली लाइट्स हवाई जहाज को और भी सदृश्य बनाने में मदद करती हैं. यह नेविगेशन वाली लाल और हरी लाइट्स के नीचे लगी होती हैं. ये लाइट्स बहुत ज्यादा चमकीली होती हैं और फ्लाइट के दौरान आस-पास के लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करने का काम करती हैं.
9. लोगो लाइट: हर कंपनी का एक लोगो होता है जो उनके हवाई जहाज पर नजर आता है. लोगो लाइट्स उसी लोगो को उभार कर दिखाने के लिए लगी होती हैं. इसके दो फायदे होते हैं. पहला यह कि देखते की समझ में आ जाता है कि कौन की कंपनी का हवाई जहाज उड़ रहा है. वहीं बड़े पोस्टरों की तरह कंपनी का प्रचार भी होता है.
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