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यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) या समान नागरिक संहिता, एक सामाजिक मामलों से संबंधित कानून है जो सभी पंथों के लोगों के लिए विवाह, तलाक, विरासत और बच्चा गोद लेने में समान रूप से लागू होता है।
दूसरे शब्दों में कहें तो , यह अलग-अलग पंथों के लिए अलग-अलग सिविल कानून न होना ही 'समान नागरिक संहिता' की मूल भावना को समझाता है। समान नागरिक कानून से अभिप्राय कानूनों के वह समूह होता है जो देश के सभी नागरिकों पर लागू होता है, चाहे वे किसी पंथ क्षेत्र से संबंधित हों या न हों। इसका उद्देश्य किसी भी पंथ जाति के सभी निजी कानूनों से ऊपर होना है।
Image from google searchसलाहकारों का एसा मानना है की इसके लागू होने से समाज मे धर्मनिरपेक्षता तथा राष्ट्रीय एकीकरण बढेगा, और किसी के लिए भी पाए जाने वाले भेद भाव को ख़त्म किया जा सकेगा। इसे प्रगतिशील और आधुनिक समाज के लिए एक महत्वपूर्ण कदम की तरह से देखना चाहिए।
हालाँकि कुछ लोगों की राय यह भी है की यह व्यक्तिगत धार्मिक आचरण मे हस्तछेप करेगा जिससे उनकी सांस्कृतिक विविधता खतरे मे भी आ सकती है।
जब हम लोग एसा मानते हैं की सभी को सामान अधिकार मिलने चाहिए तो सरकार का साथ देना चाहिए और इस कानून को लागु करवाना चाहिए जिससे देश मे लोगो का नजरिया बदलेगा और भी बहुत प्रकार की समस्याओं से देश को आजादी मिलेगी।
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